चने की दाल का दाना तोते की चोंच से छूट कर खूंटे की दराज में गिर गया ।
तोता बढ़ई के पास गया और बोला- बढ़ई-बढ़ई, खूँटा चीरो,खूंटे की दराज में मेरी दाल है । बढ़ई ने कहा > मेरे पास इतना समय नहीं कि खूँटा चीरूँ !
तोता राजा के पास गया और बोला-“राजा-राजा बढ़ई मारो,बढ़ई ने खूँटा नहीं चीरा । खूंटे की दराज में मेरी दाल है । राजा ने मना कर दिया , तब –
तोता रानी के पास गया और बोला-रानी-रानी राजा छोड़ो, राजा बढई मारै ना ,बढई खूंटा चीरे ना ,खूंटे की दराज में मेरी दाल है । रानी ने मना कर दिया तो –
तोता साँप के पास गया>>-साँप-साँप, रानी को डँसो, रानी राजा छोड़े ना ,राजा बढई मारै ना ,बढई खूंटा चीरे ना ,खूंटे की दराज में मेरी दाल है ।
साँप ने भी मना कर दिया तब –
तोता लाठी के पास गया >>लाठी-लाठी, साँप को मारो,सांप रानी डंसे ना ,रानी राजा छोड़े ना ,राजा बढई मारै ना ,बढई खूंटा चीरे ना ,खूंटे की दराज में मेरी दाल है । लाठी ने भी मना कर दिया तब –
तोता आग के पास गया—-> आग-आग , लाठी को जारो, लाठी सांप मारे ना,सांप रानी डंसे ना ,रानी राजा छोड़े ना ,राजा बढई मारै ना ,बढई खूंटा चीरे ना ,खूंटे की दराज में मेरी दाल है । आग ने भी मना कर दिया ।
तोता नदी के पास गया >..“नदी-नदी आग बुझाओ,आग लाठी जारे ना ,लाठी सांप मारे ना,सांप रानी डंसे ना ,रानी राजा छोड़े ना ,राजा बढई मारै ना ,बढई खूंटा चीरे ना ,खूंटे की दराज में मेरी दाल है । नदी ने मना किया तब –
तोता हाथी के पास गया >> हाथी,हाथी ,नदी सुखाओ ।नदी आग बुझावे ना ,आग लाठी जारे ना ,लाठी सांप मारे ना,सांप रानी डंसे ना ,रानी राजा छोड़े ना ,राजा बढई मारै ना ,बढई खूंटा चीरे ना ,खूंटे की दराज में मेरी दाल है ।
हाथी ने भी मना कर दिया। तब तोता रोने लगा । चींटी ने तोते का रुदन सुना तो वह बोली >> चलो मैं हाथी को काटूंगी ।
चींटी हाथी की सूँड़ के अन्दर घुस गयी और काटने लगी।
हाथी बोला > हमें काटो मत ,चलो मैं नदी को सुखाता हूं ।
नदी के पास हाथी पंहुचा तो नदी बोली > चलो मैं आग को बुझाती हूं ।
नदी आग को बुझाने लगी तो आग बोली > चलो मैं लाठी को जलाती हूं ।
लाठी ने कहा > चलो मैं सांप को मारती हूं ।
इसी प्रकार सांप रानी को काटने आ गया ।
तब रानी बोली कि मैं राजा को छोड दूंगी ।
राजा ने कहा कि मैं बढई को मारता हूं और बढई ने खूंटा चीर दिया और तोते को वह दाल का दाना मिल गया । 😊
🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜🐜
– एक किंवदंती
FREE REGISTRATION in LOCKDOWN PERIOD
लाॅकडाऊन समय-अवधी में नि:शुल्क पंजीकरण
Operating in –
TRI-CITY – Chandigarh, Panchkula, Zirakpur – Mohali, DELHI-NCR – Delhi, Noida, Greater-Noida, Faridabad, Gurugram, JAIPUR (Rajasthan), AGRA, MATHURA (UP), MUMBAI & DUBAI
चंडीगढ़, पंचकूला, जीरकपुर-मोहाली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र- दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर-नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, जयपुर (राजस्थान), आगरा, मथुरा (उ.प्र.), मुम्बई एवं दुबई
Visit – www.bookpanditgonline.com
Please like, share & Forwaard in your contacts-groups
कृपया पसंद करें व अपने समूह में साझा करें
1,689 total views, 1 views today
धर्म का सवाल मूल रूप से व्यष्टि और समष्टि के सम्बन्ध का प्रश्न है !… Read More
(धर्म-कर्म, पांचवी कहानी) गाड़ी सरपट दौड़े जा रही थी, पता नहीं कब आंख लग गई… Read More
आज देव-शयनी एकादशी है। मान्यता है कि इस दिन कल्याण करने वाले भगवान विष्णु चार… Read More
!! श्री भगवत्या: राजराजेश्वर्या: !! महाकाल-भैरव को भगवान शंकर का पूर्ण रूप माना गया है।… Read More
भारतीय - विद्या परंपरा और उपासना के इतिहास में दत्तात्रेय की महिमा व्यापक है ।… Read More
This website uses cookies.