Festival

वैशाखी पर्व | Baisakhi

Share

वैशाखी पर्व मूलतः दो कारणों से प्रतिष्ठित है । एक तो फसल कटाई का समय होता है,जिससे हमारे अन्नदाता-किसान हर्षोल्लास से नई फसल का स्वागत करते हैं । और दूसरे,सबल-धर्म-परिवर्तन के प्रतिरोध स्वरूप अपना सीस बलिदान करने वाले महान संत श्री गुरु तेग बहादुर जी के पुत्र श्री गुरु गोविन्द सिंह जी ने उस समय के आतंकियों से लोहा लेने हेतु इसी भारत भूमि पर आनन्दपुर साहब से आज के ही दिन ‘खालसा-पंथ‘ की 1699 में स्थापना की ।
कहते हैं कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने काश्मीरी पण्डितों तथा अन्य हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का पुरजोर विरोध किया था । इस्लाम स्वीकार न करने के कारण 1675 में आतताई मुगल शासक औरंगजेब, जो अपने हठ व धर्मान्धता के कारण रोज के सवा लाख जनेऊ का चढ़ावा अपने अधिकार में चाहता था, उन्हे इस्लाम कबूल करने को कहा पर गुरु साहब ने कहा सीस कटा सकते हैं पर शिखा-सूत्र व तिलक को नहीं। और यही कारण आतंकी-बादशाह औरंगजेब के आदेशानुसार श्री गुरु तेग बहादुर जी का सीस काट दिया गया । इसी घटनास्थल पर दिल्ली में उक्त घटना के याद स्वरूप श्री गुरुद्वारा शीशगंज व श्री गुरुद्वारा रकाबगंज स्थापित है ।
तिलक जंञू राखा प्रभ ताका॥ कीनो बडो कलू महि साका॥साधन हेति इती जिनि करी॥ सीसु दीया परु सी न उचरी॥धरम हेत साका जिनि कीआ॥ सीसु दीआ परु सिररु न दीआ॥
(दशम ग्रंथ)
और धर्म-संस्थापनार्थाय दशमेश-पिता श्री गुरु गोविन्द सिंह जी का अजय व अमोघ कथन –
“चिडि़यों से मैं बाज तड़ाऊं। सवा लाख से एक लड़ाऊं। तभी गोबिंद सिंह नाम कहाऊं।” खालसा पंथ का ब्रह्म-वाक्य बन गया ।

– श्रीविद्येश माथुर-चतुर्वेद

 1,758 total views,  1 views today

bookpanditgonline

Recent Posts

।। धर्म ।।

धर्म का सवाल मूल रूप से व्यष्टि और समष्टि के सम्बन्ध का प्रश्न है !… Read More

2 years ago

साकार कि निराकार

(धर्म-कर्म, पांचवी कहानी) गाड़ी सरपट दौड़े जा रही थी, पता नहीं कब आंख लग गई… Read More

2 years ago

“देवशयनी-एकादशी”

आज देव-शयनी एकादशी है। मान्यता है कि इस दिन कल्याण करने वाले भगवान विष्णु चार… Read More

3 years ago

भैरव-जयंती (भैरवाष्टमी विशेष)

!! श्री भगवत्या: राजराजेश्वर्या: !! महाकाल-भैरव को भगवान शंकर का पूर्ण रूप माना गया है।… Read More

3 years ago

अवधूत दत्तात्रेय

भारतीय - विद्या परंपरा और उपासना के इतिहास में दत्तात्रेय की महिमा व्यापक है ।… Read More

3 years ago

सृजन

हमारे पड़ौस में राजवंशी साहब रहते हैं । बेटे की सगाई हुई तो एक मंजिला… Read More

4 years ago

This website uses cookies.