कथा-कहानी

साकार कि निराकार

(धर्म-कर्म, पांचवी कहानी) गाड़ी सरपट दौड़े जा रही थी, पता नहीं कब आंख लग गई और हम सब गहरी नींद… Read More

2 years ago

दो लघुकथाएं | Two Stories

मच्छर सारा जंगल साँय-साँय कर रहा था । सभी जीव- जन्तु ,पशु-पक्षी गहरी नींद में सो रहे थे । जंगल… Read More

4 years ago

जैसी दृष्टि – वैसी सृष्टि

एक राजा को राज भोगते काफी समय हो गया था । बाल भी सफ़ेद होने लगे थे । एक दिन… Read More

4 years ago

चींटी की भूमिका

चने की दाल का दाना तोते की चोंच से छूट कर खूंटे की दराज में गिर गया । तोता बढ़ई… Read More

4 years ago

!!!—: मदालसा की लोरी :—!!!

महारानी मदालसा ने अपने ६ पुत्रों को वैराग्य की लोरी सुना-सुनाकर साधु बना दिया । महाराजा के निवेदन पर अपने… Read More

4 years ago

क्रोध नाम का पिशाच

एक बार बलराम, कृष्ण और सात्यकि किसी वन में थे। रात्रि हो गयी ।उन्होंने तय किया कि बारी-बारी से एक… Read More

4 years ago

आस मैया की जय!

चार बुढिया थीं। उनमें विवाद का विषय था कि हम में बङी कौन है? जब वे बहस करते-करते थक गयीं… Read More

4 years ago

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